रविवार, 29 सितंबर 2013

पर्दा है पर्दा

पर्दा है पर्दा डॉ. नीरज भारद्वाज पर्दा शब्द सुनते ही आपके और हमारे दिमाग में खिडकी-दरवाजों पर टकने वाले पर्दे आ गए। कुछ के दिमाग में पर्दा है पर्दा गाना याद आ गया। लेकिन यह वो पर्दा नहीं, बल्कि सिनेमाई पर्दा है। सिनेमा को बहुत से लोग बडा पर्दा भी कहते हैं अर्थात् सिनेमा के नायक-नायिकाओं को बडे पर्दे के नायक-नायिका कहा जाता है, तो स्वाभाविक है कि सिनेमा बडा पर्दा हो गया। टीवी को लोग छोटा पर्दा कहते हैं। विचार किया जाए तो आज लोकप्रियता के हिसाब से छोटा पर्दा ही बडा पर्दा हो गया है। एक जमाना था जब फिल्मों में काम करने वाले लोग अर्थात् बडे पर्दे के नायक-नायिका छोटे पर्दे पर कम ही आते थे, आते भी थे तो केवल नाम मात्र के लिए। यदि कोई नायक-नायिका छोटे पर्दे पर आ भी जाते थे, तो यह कह दिया जाता था कि अब इसे बडे पर्दे पर काम नहीं मिला होगा इसीलिए छोटे पर्दे पर आए हैं। कहने का भाव वह उस नायक-नायिका की कडी आलोचना थी। समय बदला, साधन बदले, मनोरंजन के तौर-तरीके बदले और वर्तमान तक आते-आते परिस्थिति बिलकुल उल्ट दिखाई दे रही है। आज हर एक बडा सुपर स्टार छोटे पर्दे पर आने के लिए बेकरार है। वह छोटे पर्दे पर आकर अपनी फिल्म के बारे में बताता है, उसका प्रचार करता है साथ ही छोटे पर्दे पर दिखना भी चाहता है और टीवी पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा भी लेते हैं। आज बडे पर्दे पर दिखाई देने वाले ऐसे कितने ही सितारे हैं, जो एक जमाने में छोटे पर्दे पर ही काम करते थे। लेकिन आज वह कहां से कहां पहुंच गए हैं। यह उनके परिश्रम का ही फल है। कई बार तो ऐसा लगता कि आज छोटे पर्दे पर आने के लिए सितारो के बीच होड लगी हुई है। इसके कितने ही उदाहरण हमें मिल जाएगें। कलर्स पर आने वाले बिग बॉस कार्यक्रम की बात करें तो एक सीजन में उसमें सलमान खान और संजय दत्त की जोडी ने कमाल किया। अब सलमान खान उसे संभाल रहे हैं। कपिल की कॉमेडी में तो लगभग सभी सितारे आ चुके हैं। चन्नई एक्सप्रेस फिल्म के रिलीज होने से पहले सुपर स्टार एस.आर.के स्टार प्लस के धारावाहिक दीया और बाती हम में आए। इससे पहले वो कौन बनेगा करोडपति में भी अपने दमखम को दिखा चुके हैं। टीवी पर ही प्रसारित होने वाले कार्यक्रम सत्यमेय ज्यते को लेकर आमिर खान आए। बडे पर्दे के सबसे बडे नायक कहलाए जाने वाले सुपर स्टार अमिताभ बच्चन ने तो छोटे पर्दे पर आते ही तहलका मचाया और कौन बनेगा करोडपति के कितने ही सीजन हमारे सामने लेकर आ चुके हैं। सुपर स्टार विनोद खन्ना भी बडे पर्दे से निकलकर छोटे पर्दे पर दिखाई दे चुके हैं। यहां सभी का जिक्र करना संभव नहीं है। लेकिन यह बात तो स्पष्ट है कि ऐसे कितने ही नायक-नायिका हैं, जो बडे पर्दे से छोटे पर्दे पर आते रहे हैं। विचार करे और समझे तो पर्दा बडा हो या छोटा दोनों का काम एक ही है और वो है लोगों का मनोरंजन करना। आज बढते टीवी चैनलों के युग में मनोरंजन केवल फिल्म तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि वह हर जगह दिखाई देने लगा। आज टीवी पर कितने ही कार्यक्रम ऐसे भी आते हैं, जिनके बारे में एंकर कहता मिलता है कि आप इसे अपने मोबाइल पर भी अपलोड कर सकते हैं। इंटरनेट ने अब मनोरंजन को लोगों के और नजदीक ला दिया है। कहने का भाव यह कि अब मनोरंजन आपकी जेब में ला दिया गया है। एक समय में कवि ने कल्पना कि थी दुनिया मेरी जेब में और इस विषय पर फिल्म भी बनी और शायद गाना भी बना। आज वह बात सार्थक दिखाई पडती है। बडे पर्दे से छोटा पर्दा और अब छोटे से भी छोटा पर्दा अर्थात् मोबाइल पर कार्यक्रमों का लाइव आना और उसे लोकप्रियता मिलनी बाकि है। पर्दा कितना छोटा हो गया यह किसी ने नहीं सोचा होगा। इतना ही नहीं अभी यह कितना ओर छोटा होगा यह देखना अभी बाकि है।

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