शुक्रवार, 17 मई 2019

मैक्समूलर




मैक्समूलर

प्रख्यात जर्मन लेखक, वेदों के ज्ञाता और भाषाशास्त्री मैक्समूलर को कौन नहीं जानता। 6 दिसंबर 1823 को मैक्समूलर का जन्म जर्मनी के देसो नामक शहर में हुआ था। उनके पिता विल्हेम मूलर जाने-माने कवि थे। मैक्स मूलर का पूरा नाम फ्रीडरिक मैक्समूलर है। 6 साल की उम्र में मैक्समूलर ने जर्मनी के एक ग्रॉमर स्कूल में शिक्षा हासिल करनी शुरू की। 1843 में मैक्समूलर ने अपनी उच्च शिक्षा की डिग्री हासिल की। इसके बाद से ही मैक्समूलर, संस्कृत, ग्रीक, लैटिन, अरबी और परसियन जैसी प्राचीन भाषाओं की ओर रुचि दिखाने लगे। वह मैक्समूलर ही थे, जिन्होंने ग्रामोफोन के आविष्कार के वक्त पहली आवाज वेद मंत्रके रूप में रिकॉर्ड की थी। जन्म से जर्मन होने के बावजूद भी मैक्समूलर ने अपने जीवन का अधिकांश समय इंग्लैण्ड में व्यतीत किया था। उसका संबंध अनेक यूरोपीय तथा एशियाई संस्थाओं से था।
1846 में मैक्समूलर इंग्लैंड पहुंच गए और संस्कृत पर रिसर्च के साथ-साथ ऋग्वेद का अनुवाद करने लगे। यहाँ बुन्सेन और प्रो. एच.एच. विल्सन ने ऋग्वेद के अनुवाद में मैक्समूलर की बहुत सहायता की। 1848 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ऋग्वेद का मुद्रण शुरू हुआ और मैक्समूलर ने इसी स्थान को अपना घर बना लिया। 1850 में मैक्समूलर को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में आधुनिक यूरोपी भाषा के प्रोफेसर की नौकरी मिल गई। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में रहते हुए मैक्स मूलर ने कई लेख लिखे, जिन्हें बाद में चिप्स फ्रॉम ए जर्मन वर्कशापशीर्षक से संग्रह रूप में प्रकाशित किया गया। 1859 में मैक्स मूलर ने हिस्ट्री आफ एंशेंट संस्कृत लिटरेचरप्रकाशित की। मैक्स मूलर चाहता था कि ऑक्सफोर्ड में उसे संस्कृत विभाग का आचार्य बनाया जाए, लेकिन पद रिक्त होने के बाद भी मैक्स मूलर को नहीं चुना गया। वजह थी कि मैक्समूलर विदेशी था। इस घटना से मैक्समूलर को काफी गहरा झटका लगा। हालांकि, 1868 में मैक्समूलर को भाषाशास्त्र का आचार्य बना दिया गया।
मैक्समूलर का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य 51 जिल्दों में सैक्रेड बुक्स ऑफ़ दि ईस्ट’ (पूर्व के धार्मिक-पवित्र-ग्रंथ) का संपादन रहा है। यह कार्य 1875 में शुरू किया गया था, लेकिन तीन जिल्दों के अलावा सारा कार्य मैक्स मूलर के जीवनकाल में ही प्रकाशित हो चुका था। मैक्स मूलर ने भारतीय दर्शनपर भी रचनाएं की थीं। अंतिम दिनों वह बौद्ध दर्शन में अधिक रुचि रखने लगा था। 28 अक्टूबर 1900 को ऑक्सफोर्ड में ही मैक्समूलर का निधन हुआ।

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